सुप्रीम कोर्ट का एयर इंडिया को आदेश- सिर्फ 10 दिनों तक मिडिल सीट पर बैठ सकेंगे यात्री
सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को राहत देते हुए अगले 10 दिनों तक कोरोना महामारी के दौरान विमान की तीनों सीटों पर यात्रियों को बैठाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि कोर्ट ने यह आदेश विदेश से आने वाली नॉन शेड्यूल्ड उड़ानों के लिए दिया है, जिसकी बुकिंग पहले ही हो गई थी।
हालांकि, 10 दिनों के बाद एयर अंडिया को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश का पालन करन होगा, जिसमें कहा गया है कि यात्रा के दौरान यात्रियों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए मिडिल सीट खाली छोड़नी होगी। बाम्बे हाई कोर्ट के मिडिल सीट खाली छोड़ने के आदेश वाली याचिका को एयर इंडिया और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने एयर इंडिया को निर्देश दिया कि वह अगले 10 दिनों तक नॉन शेड्यूल विदेशी उड़ानों के लिए मिडिल सीट बुक कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामला मेरिट पर तय करने के लिए वापस हाईकोर्ट भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि संक्रमण रोकने के लिए शारीरिक दूरी की बात हो रही है, इसीलिए हाईकोर्ट ने मिडिल सीट खाली रखने को कहा था। सरकार ने दलील दी कि 16 जून तक सभी सीटें बुक हैं और ऐसे में इसे रद करने से लोगों को परेशानी होगी।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सर्कुलर केवल घरेलू उड़ानों के संचालन के लिए था। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले यात्री तीनों सीटों पर बैठकर आ रहे हैं और सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी को क्वारंटाइन किया जा रहा है।
पीठ ने पूछा कि क्या अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों में कोई अंतर नहीं है, जिसका जवाब देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि इसमें कोई अंतर नहीं है। इसके बाद सीजेआई ने कहा अगर लोग एक दूसरे के बगल में बैठेंगे तो यब वायरस फैलेगा। कोर्ट ने सिर्फ शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए ही मिडिल सीट को खाली रखने के लिए कहा है। कोई भी आपको उन्हें वापस लाने से नहीं रोक रहा है।